आगरा कैंट और ईदगाह रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू
आगरा के सभी रेलवे स्टेशनों पर टीम तैनात और आगरा कैंट और ईदगाह बस स्टैंड पर कोरोना की जांच. कोरोना के दो एक्टिव केस। आईएसबीटी में भी कोरोना की जांच की जा सकती है। यदि आपको कोरोना के लक्षण और लक्षण मिले हैं, तो आप हेरफेर कक्ष की सीमा पर तथ्यों की आपूर्ति कर सकते हैं।
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. वहां से आने वाले इंसानों की स्क्रीनिंग फिटनेस विभाग के लिए मिशन बना हुआ है। अधिकांश मनुष्य अपने निजी वाहन से आते-जाते हैं। वहीं, आगरा कैंट स्टेशन, ईदगाह बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगों की कोरोना जांच की जा रही है.

रविवार को कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से आने वाले लोग निजी वाहनों के माध्यम से आते हैं। उनकी स्क्रीनिंग एक मिशन बनी हुई है। फिलहाल आगरा कैंट और ईदगाह रेलवे स्टेशन पर कोरोना की जांच की जा रही है. आईएसबीटी में भी कोरोना की जांच की जा सकती है। यदि आपको कोरोना के लक्षण और लक्षण मिले हैं, तो आप हेरफेर कक्ष की सीमा पर तथ्यों की आपूर्ति कर सकते हैं। उधर, 24 घंटे में कोरोना की जांच के लिए 2373 सैंपल लिए गए।
कोई नया मरीज नहीं मिला। नया कोरोना संक्रमित मरीज अब ठीक भी नहीं हुआ है। अब सक्रिय मामले हैं। कोरोना से प्रभावित बच्चों में बुखार, गले में खराश और उल्टी दस्त दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों में बच्चों की संख्या ज्यादा है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भी अब टीका नहीं लग रहा है। कोरोना संक्रमित बच्चों में हल्का बुखार, गले में खराश और उल्टी दस्त हो रहे हैं।
वैक्सीन कोरोना से जंग में बचाव की भूमिका निभा रही है। वैक्सीन की पहली खुराक एसएन मेडिकल कॉलेज में सोलह जनवरी 2021 को दी गई। पहले फिटनेस वर्कर, फिर फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 साल से अधिक उम्र के इंसानों, 18 साल से ऊपर के इंसानों को टीका लगाया गया था। वैक्सीन की वजह से मरीजों की जान कोरोना की दूसरी लहर में रखी गई थी। 3 जनवरी 2022 से 15 से 17 साल के बुजुर्ग बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। अब 12 से चौदह साल के बच्चों को भी वैक्सीन लग रही है। कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बाद बूस्टर डोज भी शुरू कर दिया गया है। एक वर्ष के 1/4 में टीके की 63 लाख से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। टीके की दोनों खुराक 70 प्रतिशत लोगों के माध्यम से दी गई।
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