लड़ाई में आईटीएचएम के छात्र ऋतिक कुमार के सिर में गंभीर चोट आई है। पीड़िता ने आरोपी छात्रों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है।

आगरा के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय सिविल लाइंस, संस्कृति भवन परिसर में बुधवार को एजेंसियों ने लाठी-डंडों से जमकर मारपीट की. आईटीएचएम के स्कॉलर ऋतिक कुमार के सिर में गंभीर चोट आई है। छात्रा ने संस्थान के छात्रों कान्हा मुद्गल, बाहरी मोहित यादव व बाहरी कर्मचारी बघेल व अन्य के खिलाफ हरिपर्वत थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। वहीं, कॉलेज के प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कान्हा मुद्गल को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
आईटीएचएम के बीए वोकेशनल छठे सेमेस्टर के छात्र ऋतिक कुमार की ओर से प्रॉक्टोरियल बोर्ड व थाने में शिकायत की गई। तहरीर में कहा गया है कि वह बुधवार को परीक्षा देने संस्थान पहुंचा था। परीक्षा देने के बाद दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर वह संस्थान से बाहर आया तो उसके दोस्त कान्हा मुद्गल, बाहरी मोहित यादव, कर्मवीर बघेल समेत कोई न कोई पहुंचे और धमकाने लगे.
आरोपी छात्र का संबंध ABVP से है
इसका विरोध करने पर छात्रों ने लाठी-डंडों से मारपीट की। ऋतिक के सिर में गंभीर चोट आई है। हाथ, पैर और पूरे शरीर में चोट। वहीं, कान्हा मुद्गल की ओर से ऋतिक कुमार के खिलाफ अभद्रता और मारपीट के आरोप में प्रॉक्टोरियल बोर्ड में शिकायत की गई है। कान्हा मुद्गल ABVP से जुड़े हुए हैं। एनएसयूआई के लोग भी मौके पर पहुंचे। ऋतिक कुमार का समर्थन करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
आईटीएचएम के निदेशक प्रो. लवकुश मिश्रा और चीफ प्रॉक्टर प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव भी पहुंचे। वहीं, प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक हुई। समर्थक। मनोज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि कान्हा मुद्गल को प्रथम दृष्टया ऋतिक कुमार को हुए नुकसान और मौके पर छात्रों के उपहार के आधार पर दोषी ठहराया गया है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
जांच समिति की फाइल पर हो सकती है कार्रवाई
चीफ प्रॉक्टर प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। समर्थक। संजय चौधरी समन्वयक और प्रो मोहम्मद अरशद, प्रो बिंदुशेखर शर्मा, प्रो वीके सारस्वत, डॉ राजीव वर्मा सदस्य हैं। उनकी फाइल में विचार पर कार्रवाई की जा सकती है।
आईईटी के छात्रों के साथ भी मारपीट
पिछले महीने आईईटी के छात्रों के साथ मारपीट की गई थी, जिसमें एबीवीपी के पदाधिकारी का फोन आया था। आईईटी के निदेशक और नेता प्रॉक्टर ने भी मामले में इस्तीफा दे दिया था, जो खारिज हो गया। मामले में दोषी छात्र को 10 दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया। बाद में, दोनों घटनाओं में एक समझौता हुआ।
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