ऑडिट के सामने अंबेडकर विवि का एक और सच, बिना अनुमति के चलाए गए गाइड, बिना पदों पर हुई थी नियुक्तियां

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ऑडिट के सामने अंबेडकर विवि का एक और सच, बिना अनुमति के चलाए गए गाइड, बिना पदों पर हुई थी नियुक्तियां

डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। छात्रों को विभिन्न गाइडों में भर्ती कराया गया था, फीस ली गई थी लेकिन अब परीक्षण नहीं किए गए थे।

अंबेडकर विवि का एक और सच
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अब काउंटियों ने यहां नहीं छोड़ा, शासन की अनुमति के बिना पद सृजित किए गए और नियुक्तियां भी की गईं। कई गाइड बिना अनुमति के चलाए गए। लेखापरीक्षा समूह ने अपने दस्तावेज़ में सभी कारकों को शामिल किया है। प्रधान लेखाकार इलाहाबाद के माध्यम से वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक के लेखा विवरण का लेखा परीक्षण अंतिम वर्ष चार अगस्त से 25 सितंबर तक किया गया। टीम ने कॉलेज के अंदर कई अनियमितताएं पाईं। अब प्रधान महालेखाकार ने कॉलेज प्रशासन को नोट दिया है। सभी आपत्तियों पर 15 दिन में जवाब मांगा गया है।

उन अनियमितताओं को निर्धारित किया

पूर्व कुलपति प्रो. अरविंद दीक्षित के कार्यकाल में छात्रों को एलएलएम गाइड में 2018-19 और 2019-20 की अवधि के लिए प्रवेश दिया गया था, लेकिन अब परीक्षा नहीं हुई। दोनों दौर के छात्रों से करीब 10 लाख रुपए फीस ली जाती है। ऑडिट दस्तावेज के अंदर लिखा गया है कि अब इस कोर्स को शुरू करने की अनुमति नहीं ली गई। अधिकारियों की स्वीकृति के बिना अनियमित रूप से स्व-वित्तपोषण अच्छी तरह से वित्त पोषित गाइडों के माध्यम से विद्वानों से अनियमित मूल्य वसूल किए गए थे। यह राशि 36 करोड़ पचहत्तर लाख रुपये से अधिक है।


बड़ी संख्या में कार्यरत अतिथि प्रवक्ता

वर्ष 2016-17 में जनसंचार पत्रकारिता, पर्यावरण विष विज्ञान, पंडित दीन दयाल उपाध्याय संस्थान, शारीरिक शिक्षा, पुस्तकालय विज्ञान, आईटीएचएम में अतिरिक्त अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इसी प्रकार वर्ष 2017-18 में वानिकी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय संस्थान, आई. जीवन विज्ञान संकाय को ऊपर लाते हुए लिखा गया है कि अब इस संस्थान में पदों की जानकारी नहीं दी गई है। शोध के दौरान, ऑडिट समूह ने निर्धारित किया कि अकादमिक शाखा का स्व-वित्तपोषित गाइडों से जुड़े अधीनस्थ उपकरणों पर कोई प्रबंधन नहीं था। अधिकारियों की अनुमति के बिना गाइडों का अनियमित प्रदर्शन किया जा रहा है। नियुक्तियां पदों के परिचय के बिना की गई थीं।

न विद्वान न शिक्षक

ऑडिट ग्रुप ने शोध के भीतर निर्धारित किया कि मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म, पीजी डिप्लोमा इन आर्कियोलॉजिकल स्टडीज, एमएससी ईआईआई, फोरेंसिक साइंस, एनवायर्नमेंटल टॉक्सिकोलॉजी में कोई कॉलेज छात्र नहीं हैं और न ही पढ़ा रहे हैं। उन गाइडों के खाते में आय और व्यय 0 हैं। फार्मेसी विभाग के निदेशक डॉ. ब्रजेश तिवारी संविदा पद पर हैं, उन्हें प्रतिमाह पैंसठ हजार की तनख्वाह दी जा रही है। जबकि विभिन्न संविदा शिक्षकों को महीने के हिसाब से 35 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है। ऑडिट ग्रुप ने इसका विरोध किया है। महाविद्यालय के विभिन्न संस्थानों एवं गाइडों में आय-व्यय मूल्य प्राप्त न होने के कारण समूह ने 442.निन्यानवे लाख रुपये का अतिरिक्त व्यय सिद्ध किया है।

सभी विभागों से जानकारी मांगी गई है। लेआउट भेज दिया गया है। सूचना मिलते ही अप्रैल की छुट्टी या मई के पहले सप्ताह तक जवाब भेजा जा सकता है।

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juhi kanojia
जूही एक डिजिटल मार्केटिंग/एसईओ विशेषज्ञ और अनरेवलिंग आगरा की संचालक हैं। गूगल ऐडवर्ड्स/ऐडसेंस, एफिलिएट मार्केटिंग, सामग्री लेखन, प्रचार, वेब विकास, और प्रबंधन की विशेषताएँ हैं इसके अलावा, इन्होंने वाणिज्य का भी अध्ययन किया है।
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